Tuesday, 22 April 2014

imran bhai

*Imran Partapgarhi*
अपने शहर की ताज़ा हवा ले के चला हूँ,
हर दर्द की यारो मैं दवा ले के चला हूँ !
मुझको यक़ीन है कि रहूँगा मैं कामयाब,
क्योंकि मै घर से माँ की दुआ ले के चला हूँ !!

आज से 7 साल पहले यूँ ही क्रिकेट खेलते हुए जब मैंने शुरूआती 4 मिसरे कहे थे,
तो मुझे पता भी नहीं था कि ये अशआर मुझे दुनिया भर का सफ़र करवाएंगे !!

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