Saturday, 28 March 2015

कोई बताये मुझे, कोई समझाये मुझे,,

HASHIMPURA


کوئی بتائے مجھے، کوئی سمجھايے مجھے،،
رو رہا ہے دل میرا کوئی چپ کرائے مجھے!

اٹٹھاس سالوں کا لمبا انتظار ہے،
انصاف والا ہر ایک وعدہ بیکار ہے!
ہاشم پورہ کی یہی چیخ ہے پکار ہے،
آخر ان لاشوں کا کون ذمہ دار ہے ؟؟

کوئی سمجھايے مجھے .............

कोई बताये मुझे, कोई समझाये मुझे,,
रो रहा है दिल मेरा कोई चुप कराये मुझे !

अट्ठाइस सालों का लम्बा इन्तज़ार है,
इन्साफ़ वाला हर एक वादा बेकार है !
हाशिमपुरा की यही चीख़ है पुकार है,
आखिर उन लाशों का कौन ज़िम्मेदार है ??

कोई समझाये मुझे…………॥

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