imran pratapgarhi
Mohammad Anas Ki Wall se ..और फिर हमेशा की तरह सैकड़ों हजारों का हुजूम इमरान इमरान कहता हुआ मंच तक चढ़ आया।
ऐसी दीवानगी किसी शायर के लिए आज तक मैंने नही देखी। वे मेरे दोस्त हैं इसलिए तारीफ नहीं कर रहा हूं। जिसकी नज्म इंक़लाब जैसी हो उसे मंच की फ़िक्र फिर भला कहाँ रह जाती है। हिंदी और उर्दू ज़ुबान के नामी शायरों को जहां जनता ने मुश्किल से दस मिनट सुना वहीं इमरान के बार बार बैठ जाने , वक़्त न होने की दलील देने के बावजूद एक घंटे तक सुना।
इमरान अब महफ़िल लूट लेता है, इसलिए कई कथित शायर वहां नहीं आते जहां इमरान जाता है।
पूर्व राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद की याद में राज्य मंत्री खालिद मसूद ने यह मुशायरा आयोजित करवाया था।
प्रोफेसर वसीम बरेलवि के साथ खाना खाते वक़्त जेब से मोबाईल तो निकाल लिया पर संकोच वश रुक गया। देख तो लिया ही था उन्होंने इसलिए खाने के बाद मुझ दिवाने को खुद तस्वीर के कह बैठे। इज्जत ओ एहतराम का मारा मैं चुप से खड़ा हो गया।
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